इस फ़िल्म की कहानी पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता किताब ‘अमेरिकन प्रॉमीथियस’ पर आधारित है जो 2005 में प्रकाशित हुई थी. ग्रीक मिथकों के अनुसार प्रॉमीथियस ने ओलिम्पियन देवताओं से आग चुराकर इंसानों को सौंप दी थी.
फ़िल्म कलर और ब्लैक एंड व्हाइट, दो टाइमलाइन में फ़िल्माई गई है. कलर टाइमलाइन में दिखाई गई घटनाएँ ओपेनहाइमर के ‘सब्जेक्टिव’ नज़रिए से हैं जबकि ब्लैक एंड व्हाइट में हम लेविस स्ट्रॉस का नज़रिया देखते हैं.
किलियन मर्फ़ी ने ओपेनहाइमर की मनोदशा के उतार-चढ़ाव को गहराई से पकड़ा है. उनकी आँखों में उस अनजाने भविष्य की डरावनी तस्वीर को देखा जा सकता है जिसे शायद उस समय ओपेनहाइमर देख रहे होंगे.
लेविस स्ट्रॉस की भूमिका में रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने बेहतरीन काम किया है. वे मार्वल की फ़िल्मों में 'आयरन मैन' की भूमिका के लिए जाने जाते हैं.
फ़िल्म के सिनेमैटोग्राफ़र होयते वैन होयतेमा हैं जो नोलन की पिछली कई फ़िल्मों में सिनेमैटोग्राफ़ी कर चुके हैं. फ़िल्म आईमैक्स कैमरों पर फ़िल्माई गई है. स्पेशल इफ़ेक्ट्स का इस्तेमाल बहुत कम किया गया है.