‘एनैटमी ऑफ़ अ फ़ॉल’ (Anatomy of a Fall) 2023 में रिलीज़ हुई एक फ़्रेंच फ़िल्म है. ऊपरी तौर पर देखा जाए तो यह फ़िल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है. फ़िल्म के केंद्र में सैंड्रा है जो एक जर्मन लेखिका और अनुवादक है. वह अपने पति और 11 साल के बेटे डैनियल के साथ शहर की चहल-पहल से दूर अपने घर में रहती है. सैंड्रा का पति सैमुअल एक शिक्षक है. लेकिन वह एक लेखक के तौर पर सफल होना चाहता है. फ़िल्म की शुरुआत में एक महिला सैंड्रा का इंटरव्यू ले रही है. इन दोनों के बीच हल्की-फुल्की हँसी-मज़ाक भी चल रही है. इसी इंटरव्यू के दौरान सैंड्रा का पति सैमुअल ऊपर के कमरे में काम करते हुए तेज़ आवाज़ में संगीत बजाने लगता है. कुछ देर बाद इंटरव्यू लेने आई महिला चली जाती है. सैंड्रा के बेटे डैनियल की नज़रें एक हादसे के बाद से बहुत कमज़ोर हो गई हैं. वह कुछ देर के लिए अपने कुत्ते स्नूप के साथ बाहर घूमने चला जाता है लेकिन जब लौटता है तो उसे अपना पिता, सैमुअल घर के पास मरा हुआ मिलता है. जाँच में पता चलता है कि सैमुअल की मौत घर की बालकनी से गिरकर हुई है. लेकिन यह साफ़ नहीं हो पाता कि उसने आत्महत्या की या फिर उसे मार दिया गया. इस हादसे के दौरान घर पर सैमुअल के अलावा सैंड्रा ही थी. शव परीक्षण में कुछ ऐसी चीज़ें निकलकर आती हैं कि यह मामला हत्या का ज़्यादा दिखाई देता है और सैंड्रा को इसका आरोपी करार दे दिया जाता है.
जब कोर्ट में सैमुअल के फ़ोन पर हुई रिकॉर्डिंग पेश की जाती हैं तो कहानी और खुलती है. हमें पता चलता है कि सैंड्रा और सैमुअल के बीच रिश्ते सहज नहीं थे. बेटे डैनियल की आँखें ख़राब होने का ज़िम्मेदार कहीं न कहीं सैमुअल खुद को मानता था. उसके अतीत में लिए गए फ़ैसलों का असर दोनों की ज़िंदगी पर पड़ा था. आर्थिक परेशानी अपनी जगह थी. इसके बावजूद सैंड्रा बतौर लेखक कामयाब हो गई थी लेकिन सैमुअल नहीं हो सका. उसके लिखे का प्रकाशकों की ओर से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा था. इस सबके चलते वह लम्बे समय से अवसाद से जूझ रहा था. इन दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ने लगीं और आए दिन अनबन हो जाती थी. सैमुअल उनके बीच बातचीत से लेकर इन लड़ाई-झगड़ों तक को अपने फ़ोन में रिकॉर्ड करता रहा. शायद इसलिए कि वह किसी दिन यह सब एक लेखक के तौर पर अपनी किसी रचना में इस्तेमाल कर पाए. फ़िल्म में हमें पूछताछ और अदालती कार्रवाई का एक लम्बा सिलसिला देखने को मिलता है. डैनियल इस सबके बीच फँसा हुआ महसूस करता है. माँ को लेकर उसकी भावनाओं पर इस सबका गहरा असर पड़ता है.
इस तरह के विषयों पर फ़िल्में पहले भी बनी हैं. हॉलीवुड में 1937 में ‘अ स्टार इज़ बॉर्न’ बनी. हमारे यहाँ भी पति-पत्नी के बीच व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा से उपजे तनाव को लेकर ‘अभिमान’ फ़िल्म बनी थी. लकी अली की फ़िल्म ‘सुर’ में एक संगीत शिक्षक अपनी ही शागिर्द की कामयाबी के बाद अवसाद और कुंठा से घिरने लगता है. ‘अकेले हम, अकेले तुम’, ‘आशिकी-2’ में भी ऐसे ही हालात बनते हैं जब एक की कामयाबी और खुद के लगातार पिछड़ते जाने को दूसरे के लिए स्वीकार कर पाना मुश्किल होने लगता है. ‘एनैटमी ऑफ़ अ फ़ॉल’ में कहानी नायक की मौत से शुरू होती है और हम उसके व्यक्तित्व के भीतर धीरे-धीरे दाखिल होते हैं. सैंड्रा एक जगह अपने वकील से कहती है, “कभी-कभी ज़िंदगी में सिर्फ़ उथल-पुथल बाकी रह जाती है, हर कोई खो जाता है. कभी हम साथ मिलकर लड़ते हैं, कभी अकेले, और कभी एक-दूसरे से लड़ते हैं.”
कई बार हम स्वीकार ही नहीं करना चाहते कि इंसान का अकेलापन और अवसाद भी उसका दुश्मन हो सकते हैं. हम उसके अंदर फैल रहे अँधेरे को नहीं देख पाते. यह अँधेरा पेचीदा होता है, इसके मुकाबले वजहों को बाहर तलाशना आसान होता है. इसलिए कई बार बाहरी कारणों की थियरी सबसे पहले बना ली जाती है जिसके बाद ऑब्जेक्टिविटी की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती. सैमुअल अपनी मौत से पहले तेज़ आवाज़ में जर्मन बैंड ‘बकाओ रिदम एंड स्टील बैंड’ की धुन ’50 सेंट पिंप’ को स्पीकर पर लगाता है. यही धुन फ़िल्म में बाद में भी कुछ जगहों पर इस्तेमाल की गई है. यह धुन वजहों की इसी बाहरी तलाश का उपहास करती महसूस होती है. फ़िल्म में डैनियल पियानो सीखता है. उसे कई बार पियानो बजाते दिखाया गया है. फ़िल्म के आखिर में पियानो पर पोलिश संगीतकार चॉपिन की बजाई गई धुन का इस्तेमाल किया गया है. चॉपिन की इच्छा के अनुसार यही धुन उनकी अंत्येष्टि पर भी बजाई गई थी. इस तरह हम देखते हैं कि मृत्यु के शोर के साथ शुरू हुई कहानी अंततः एक ठहराव पर जाकर ख़त्म होती है. ठहराव, जिसमें राहत तो है लेकिन सदियों की थकान भी है.
“It’s just, you know, when you lose, you lose.
It’s the worst thing that can happen. and if you win…
you expect some reward. But there isn’t any. It’s just over.”
पति की मौत के दुःख और उसकी हत्या के इस थोपे गए अपराधबोध को झेल रही महिला की चुनौतीपूर्ण भूमिका को सैंड्रा ह्यूलर (Sandra Hüller) ने बेहतरीन ढंग से निभाया है. फ़िल्म ने कान्स में Palme d’Or समेत कई और पुरस्कार भी जीते हैं. इसे इसी साल ऑस्कर की पाँच श्रेणियों में नॉमिनेट किया गया है जिसमें ‘सर्वश्रेष्ठ निर्देशन’ भी शामिल है. फ़िल्म की निर्देशक जस्टिन ट्रिएट (Justine Triet) हैं जो इस साल मार्टिन स्कॉर्सेसी, क्रिस्टोफ़र नोलन और यॉर्गोस लैंथिमोस जैसे अनुभवी निर्देशकों के साथ ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली अकेली महिला निर्देशक हैं.
रिलीज़ : 2023
कहाँ देखें : इस समय Prime Video पर हिंदी डब में उपलब्ध
मूल भाषा : फ़्रेंच
निर्देशक : जस्टिन ट्रिएट
मुख्य कलाकार : सैंड्रा ह्यूलर, स्वान अर्लाउड, मिलो ग्रेनर, सैम्युअल थीस
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