लव-ऑल (Love-All) – जीवन में जीत के मायने : अमेय कान्त

Movie: Love-All बैडमिंटन और टेनिस में ज़ीरो पॉइंट को ‘लव’ कहा जाता है। इसका मूल फ़्रेंच शब्द ‘l’oeuf’ है, जिसका मतलब होता है – अंडा। […] Read More

ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्मों का दौर और राज कपूर : अमेय कान्त

राज कपूर एक ऐसा नाम हैं जिसके बिना भारतीय सिनेमा की कल्पना करना मुश्किल है. उन्होंने हिंदी सिनेमा को एक अलग पहचान दी, उसे नई […] Read More

बदलते दौर में ‘भारतीय’ सिनेमा और रीमेक (Remake) की ज़रूरत : अमेय कान्त

Indian cinema and the need for remakes in the changing times बदलते दौर में ‘भारतीय’ सिनेमा और रीमेक की ज़रूरत एक समय था जब ‘साउथ […] Read More

चमकीला (Chamkila): एक मटमैला-सा गीत : अमेय कान्त

Chamkila Hindi Review इम्तियाज़ अली की फ़िल्म ‘अमरसिंह चमकीला’ हाल ही में नेटफ़्लिक्स पर रिलीज़ हुई. रिलीज़ के बाद से ही यह फ़िल्म काफ़ी चर्चा […] Read More

‘भक्षक’ (Bhakshak): मेनस्ट्रीम मीडिया की चुप्पी के बीच अंधेरे से मुठभेड़ की ‘कोशिश’ : अमेय कान्त

मीडिया की भूमिका और इसके दायित्व को लेकर हमारे यहाँ अलग-अलग तरह से फ़िल्में बनी हैं। साल 1989 में टीनू आनन्द के निर्देशन में एक […] Read More

गाँवों-कस्बों की ज़िंदगी में झाँकतीं अचल मिश्रा (Achal Mishra) की फ़िल्में : अमेय कान्त

अचल मिश्रा (Achal Mishra) उन निर्देशकों में से हैं जिन्होंने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कुछ समय लंदन फ़िल्म स्कूल […] Read More

पिप्पा (Pippa) : कम बजट, अच्छा कंटेंट

राजा कृष्ण मेनन (Raja Krishna Menon) द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘पिप्पा’ (Pippa) शायद पहली ऐसी हिंदी फ़िल्म है जो किसी युद्ध उपकरण को लेकर बनी हो। […] Read More